जानिए क्यों है खास सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भरपूर दिल्ली का अनोखा अक्षरधाम मंदिर
देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर एक अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ स्थल है। यह मंदिर अक्षरधाम मंदिर के नाम से विश्व प्रसिद्ध है। इसके आकर्षण, पुरातत्व नक्काशी, और खूबसूरती को देखते हुए 26 नवंबर 2007 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे शामिल किया गया। अक्षरधाम मंदिर ज्योति धर भगवान स्वामीनारायण की स्मृति में बनवाया गया है। यह मंदिर प्राचीन कला, ऐतिहासिक तथ्य और आस्था का संगम है। यह मंदिर परिसर 1000 एकड़ के भूमि में फैला हुआ है। अक्षरधाम मंदिर दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मंदिर परिसर है।
मंदिर का परिचय
अक्षर धाम मंदिर गुलाबी सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों के मिश्रण से बनाया गया है। इस मंदिर में ऋषियों और संतों की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है और यही कारण है कि आकर्षण के साथ-साथ अक्षरधाम मंदिर आस्था का भी केंद्र बन चुका है। यह मंदिर पूरे पांच वर्ष में बन के तैयार हुआ श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज जी के नेतृत्व में इस मंदिर का निर्माण किया गया था। ग्यारह हजार से ज्यादा कारीगरों द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया था। मंदिर का मुख्य आकर्षण मे 234 नक्काशीदार खंभे 9 अलंकृत गुम्बद, बीस शिखर और 20,000 मूर्तियां भी शामिल हैं। यह मंदिर ऐतिहासिक स्मारक प्राचीन पत्थरों को तराशने की कला तथा शाम को आयोजित कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आकर्षण से विश्व प्रचलित है।
मंदिर जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अक्षरधाम मंदिर नोएडा मोड़ पांडव नगर नई दिल्ली में स्थित है। मंदिर परिसर सुबह 9:30 से रात 8 बजे तक खुला रहता है। परंतु अंतिम प्रवेश शाम के 6 बजे तक ही होता है। सोमवार को मंदिर परिसर पूरी तरह से बंद रहता है। मंदिर परिसर में प्रवेश निशुल्क है। यहां मर्यादित कपड़े यानी घुटने के नीचे तक पहने जाने की प्रथा है। यदि आप छोटे कपड़ों में हैं तो कुछ शुल्क दे कर यहां से घुटने के नीचे तक के कपड़े मुहैया करवा सकते हैं।
मंदिर के कुछ आवश्यक नियम
अक्षरधाम मंदिर परिसर के अंदर किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का ले जाना प्रतिबंधित है। यहां पारदर्शी पानी के बोतल, पर्स लेकर जा सकते हैं। मोबाइल फोन कैमरा जमा करके ही मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। फोटोग्राफी के लिए यहां विशेष सुविधा उपलब्ध है। यहां निर्धारित शुल्क जमा करके आप अपने फोटो का प्रिंट ले सकते हैं।
मंदिर का मुख्य आकर्षण
वाटर शो
अक्षरधाम मंदिर परिसर के अंदर शाम को फव्वारा शो आयोजित किया जाता है। यह एक रचनात्मक प्रेरणादायी और दार्शनिक शो है। इस अनोखे शो में जन्म मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है। यहां फव्वारों के माध्यम से नई प्रेरित कहानियां बयां की जाती हैं। यह पर्यटन प्रेरणा और आस्था से परिपूर्ण है और यही कारण है कि शांति की तलाश में निकले पर्यटक हमारे शो का आनंद जरूर उठाते हैं। अक्षरधाम मंदिर पर्सन के अंदर निर्धारित शुल्क जमा करके आप वाटर शो का टिकट खरीद सकते हैं। वाटर शो शाम के पांच सात और नौ बजे दिखाया जाता है। आधे घंटे का यह शो हृदय को छू लेता है। यदि आप अक्षरधाम मंदिर जाएँ तो इस शो को जरूर देखे पूरे भारत में इस तरह के शो बहुत ही कम होंगे या तो नहीं ही होंगे इसलिए इसे जरूर देखें। इस शो को कृत्रिम लाइटों द्वारा जल और मंदिर की इमारतों पर चलचित्रों द्वारा किसी विशेष प्रेरक कहानी का चलचित्र दिखाया जाता है।
अभिषेक मंडप
अभिषेक मंडप अक्षरधाम मंदिर परिसर का मुख्य आकर्षण में एक है। यह मंडप पूजा और मंत्रों के उच्चारण के बीच उपासक भगवान स्वामीनारायण के युवा योगी रूप। नीलकंठ वर्णों की मूर्ति का अभिषेक करते हैं।यह निर्धारित शुल्क जमा करके पर्यटक भी पूजा और मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं।
खाने पीने और खरीदने की वस्तुएं
अक्षरधाम मंदिर परिसर के अंदर स्वामी नारायण से जुड़ी कई किताबें,कुछ वस्त्र,तथा अन्य आकर्षित वस्तुओं का मेला लगा रहता है। यहां बूंदी के लड्डू का प्रसाद मिलता है। एक बूंदी लड्डू का प्रसाद दस रुपये का मिलता है। इसके साथ ही यहां खाने की मशहूर वस्तुएं उपलब्ध रहती हैं।
मंदिर का परिचय
अक्षर धाम मंदिर गुलाबी सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों के मिश्रण से बनाया गया है। इस मंदिर में ऋषियों और संतों की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है और यही कारण है कि आकर्षण के साथ-साथ अक्षरधाम मंदिर आस्था का भी केंद्र बन चुका है। यह मंदिर पूरे पांच वर्ष में बन के तैयार हुआ श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज जी के नेतृत्व में इस मंदिर का निर्माण किया गया था। ग्यारह हजार से ज्यादा कारीगरों द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया था। मंदिर का मुख्य आकर्षण मे 234 नक्काशीदार खंभे 9 अलंकृत गुम्बद, बीस शिखर और 20,000 मूर्तियां भी शामिल हैं। यह मंदिर ऐतिहासिक स्मारक प्राचीन पत्थरों को तराशने की कला तथा शाम को आयोजित कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आकर्षण से विश्व प्रचलित है।
मंदिर जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अक्षरधाम मंदिर नोएडा मोड़ पांडव नगर नई दिल्ली में स्थित है। मंदिर परिसर सुबह 9:30 से रात 8 बजे तक खुला रहता है। परंतु अंतिम प्रवेश शाम के 6 बजे तक ही होता है। सोमवार को मंदिर परिसर पूरी तरह से बंद रहता है। मंदिर परिसर में प्रवेश निशुल्क है। यहां मर्यादित कपड़े यानी घुटने के नीचे तक पहने जाने की प्रथा है। यदि आप छोटे कपड़ों में हैं तो कुछ शुल्क दे कर यहां से घुटने के नीचे तक के कपड़े मुहैया करवा सकते हैं।
मंदिर के कुछ आवश्यक नियम
अक्षरधाम मंदिर परिसर के अंदर किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का ले जाना प्रतिबंधित है। यहां पारदर्शी पानी के बोतल, पर्स लेकर जा सकते हैं। मोबाइल फोन कैमरा जमा करके ही मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। फोटोग्राफी के लिए यहां विशेष सुविधा उपलब्ध है। यहां निर्धारित शुल्क जमा करके आप अपने फोटो का प्रिंट ले सकते हैं।
मंदिर का मुख्य आकर्षण
वाटर शो
अक्षरधाम मंदिर परिसर के अंदर शाम को फव्वारा शो आयोजित किया जाता है। यह एक रचनात्मक प्रेरणादायी और दार्शनिक शो है। इस अनोखे शो में जन्म मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है। यहां फव्वारों के माध्यम से नई प्रेरित कहानियां बयां की जाती हैं। यह पर्यटन प्रेरणा और आस्था से परिपूर्ण है और यही कारण है कि शांति की तलाश में निकले पर्यटक हमारे शो का आनंद जरूर उठाते हैं। अक्षरधाम मंदिर पर्सन के अंदर निर्धारित शुल्क जमा करके आप वाटर शो का टिकट खरीद सकते हैं। वाटर शो शाम के पांच सात और नौ बजे दिखाया जाता है। आधे घंटे का यह शो हृदय को छू लेता है। यदि आप अक्षरधाम मंदिर जाएँ तो इस शो को जरूर देखे पूरे भारत में इस तरह के शो बहुत ही कम होंगे या तो नहीं ही होंगे इसलिए इसे जरूर देखें। इस शो को कृत्रिम लाइटों द्वारा जल और मंदिर की इमारतों पर चलचित्रों द्वारा किसी विशेष प्रेरक कहानी का चलचित्र दिखाया जाता है।
अभिषेक मंडप
अभिषेक मंडप अक्षरधाम मंदिर परिसर का मुख्य आकर्षण में एक है। यह मंडप पूजा और मंत्रों के उच्चारण के बीच उपासक भगवान स्वामीनारायण के युवा योगी रूप। नीलकंठ वर्णों की मूर्ति का अभिषेक करते हैं।यह निर्धारित शुल्क जमा करके पर्यटक भी पूजा और मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं।
खाने पीने और खरीदने की वस्तुएं
अक्षरधाम मंदिर परिसर के अंदर स्वामी नारायण से जुड़ी कई किताबें,कुछ वस्त्र,तथा अन्य आकर्षित वस्तुओं का मेला लगा रहता है। यहां बूंदी के लड्डू का प्रसाद मिलता है। एक बूंदी लड्डू का प्रसाद दस रुपये का मिलता है। इसके साथ ही यहां खाने की मशहूर वस्तुएं उपलब्ध रहती हैं।