कोरोना काल में पर्यटन क्षेत्र में 70 प्रतिशत कर्मचारियों का छिन सकता है रोजगार, घूमने के शौकीन लोग 3 बातों का जरूर रखें ध्यान
मानसून शुरू होते ही प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण घूमने के मनोहारी पर्यटन स्थल पर घूमने के शौकीन लोगों की चहल कदमी बढ़ जाती है। पर्यटक स्थलों का अवलोकन करने और दुनिया भ्रमण करने का सबसे खूबसूरत मौसम बारिश का ही होता है। मानसून का आगमन पर्यटन स्थलों की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। अमूमन प्राकृतिक वस्तुओं का दीदार मानसून के आने के बाद करना बेहद खूबसूरत होता है।
घूमने के शौकीन लोग इस इंतजार में रहते हैं कब मानसून का आगमन हो और हम घूमने के लिए प्रस्थान करें। हालांकि इस वर्ष घूमने के शौकीन लोग निराश हैं। कोरोना वायरस के कारण इस वर्ष वेकेशन प्लान कैंसिल करने पड़ रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण कई पर्यटन स्थानों पर पर्यटकों को घूमने की पाबंदी लगा दी गई है।
पर्यटन स्थल पर पाबंदियां लगाने और पर्यटकों के न आने से सरकार को भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पर्यटकों से इकट्ठा किया जाने वाला रेवेन्यू कलेक्शन में भारी गिरावट आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात स्थित स्टैचू ऑफ यूनिटी में विजिटर्स की संख्या जनवरी से फरवरी तक 38 फीसदी कम हो गई है,वही रेवेन्यू कलेक्शन में 5 करोड़ तक गिर गया है।
बेरोजगारी के चपेट में 3.8 करोड़ लोग
एक संस्था ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र के जरिए अनुमान लगाया है कि कोरोना महामारी के कारण पर्यटन स्थलों पाबंदी लगा देने के कारण 70 फीसदी कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं।
मोटा-मोटी कुल आंकड़ा देखा जाए तो पर्यटन स्थलों में पाबंदियों के कारण कुल 3.8 करोड़ लोगों का रोजगार खत्म हो सकता है। कुल कर्मचारियों की संख्या की बात की जाए तो करीब 5.5 करोड लोग है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने वाली संस्था का नाम फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडिया टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी (FAITH) है।
घूमने का सुनहरा मौका अक्टूबर से मार्च
घूमने के शौकीन लोगों द्वारा, ट्रैवल वेबसाइट और टूरिज्म एजेंसीज, के हवाले से यह जानकारी मिलती है कि अमूमन घूमने का मुख्य महीना अक्टूबर से शुरू होकर मार्च तक चलता है। सर्द मौसम के आगमन वाला महिना नवंबर और सर्दी जाने का महीना फरवरी का मध्य घूमने के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस समय ठंड मौसम के साथ साथ शांति के माहौल का क्षेत्रफल बढ़ जाता है।
प्राकृतिक खूबसूरती से लैस कई पर्यटक स्थान पर लोग अमूमन बरसात के मौसम में जाना पसंद करते हैं। मानसून के समय घूमने के पीछे एक और कारण है जानकारों के मुताबिक घूमने के शौकिन लोगों को मानसून के समय प्लेन एरिया में जाने की सलाह दी जाती है और यह घूमने का सबसे सुनहरा मौसम होता है। सबसे खास बात यह है कि आम दिनों की अपेक्षा बरसात के समय होटल और रेस्टोरेंट सस्ते में मिल जाते हैं।
घूमने की प्रमुख जगहें
कोडइकनाल, तमिलनाडु
मानसून के दौरान घूमने में सबसे सुंदर जगहों में सुमार तमिलनाडु का यह जगह, मानसून के दौरान खूब प्रचलित है। यहाँ का मुख्य आकर्षण झरने,झील, प्राकृतिक हरियाली मानसून के आगमन के बाद दोगुना आकर्षण करते हैं। यहां कोडकनाल लेक, कोकर्स, ब्रायंट पार्क समेत कई अन्य सुनहरे स्थान मौजूद हैं। यहां प्रचलित वाटर स्पोर्ट का भी खूब नाम लिया जाता है।
अंडमान निकोबार,आईलैंड
पर्यावरण वन्य जीव और वाटर स्पोर्ट के लिए यह स्थान खूब मशहूर है। अंडमान और निकोबार को मिलाकर यहां करीब 570 आइलैंड हैं।यहां का मुख्य आकर्षण स्थानों में सुमार इन जगहों पर मानसून के बाद घूमने के लिए लोगों द्वारा पसंद किया जाता है।यहां हेवलॉक आइलैंड और राधा नगर बीच काफी मशहूर है।
कुर्ग कर्नाटक
कर्नाटक में पर्यटन की दृष्टि से सबसे आकर्षण फ्लोरा ऑर फाना है। मानसून के आगमन के उपरांत यहां सैलानियों का तांता लगा रहता है। मानसून के दौरान घूमने जाने वाले जगहों में इसका नाम प्रमुखता से लिया जाता है। यहां की खेती सबसे मशहूर है। इस खूबसूरत स्थान पर टूरिस्ट के अलावा ट्रैकिंग, पहाड़ पर चढ़ने और कैंपिंग के शौकीन लोग भी इकट्ठा होता है।
कोरोनाकाल में सफर न करना उचित है
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण टूरिज्म स्थल को पूरी तरह से बंद किया गया है। जानकार चिकित्सक और वैज्ञानिक रिसर्च करने वाले चिकित्सकों का मानना है कि कोरोना काल में यात्रा करना सेहत के लिए हानिकारक है। यात्रा के दौरान लोग काफी मात्रा में निकलते हैं,जहां सामाजिक दूरी का पालन कर पाना मुश्किल हो जाता है,यही मुख्य कारण है कि पर्यटन स्थलों को बंद किया गया है।
घूमने के शौकिन लोगों का दिल न माने तो उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं बल्कि घूमने जाने के लिए निजी वाहनों का उपयोग करना चाहिए, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवा लेने पर मुंह पर मार्क्स और हाथ को बराबर कुछ समय पर धोते रहना चाहिए।