भारत की इन जगहों पर सर्दियों में भी नहीं होता पानी ठंडा, देश-विदेश से स्नान करने आते हैं लोग

भारत में कई ऐसे कुंड है जहां गर्मियों में ही नहीं बल्कि सर्दियों में भी पानी गर्म रहता है। इनमें से कुछ कुंड ऐसे भी हैं जिनमें नहाने से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इन जगहों पर सालभर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। आज के इस लेख में हम आपको ऐसे ही गर्म जल कुंडों के बारे में बताने जा रहे हैं -

मणिकरण, हिमाचल प्रदेश 
हिमाचल प्रदेश कुल्लू से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मणिकरण अपने गर्म पानी के कुंड के लिए जाना जाता है। इस कुंड में पानी का तापमान बहुत अधिक है। यह स्थान हिंदू और सिखों के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यहां पर एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा और मंदिर है। श्रद्धालु गुरुद्वारा और मंदिर में जाने के बाद इस पवित्र जल में डुबकी लगाने आते हैं।

अत्रि कुंड , ओडिशा 
भुवनेश्वर से 40 किलोमीटर दूर अत्रि कुंड सल्फर युक्त गर्म पानी के कुंड के लिए प्रसिद्ध है। इस कुंड के पानी का तापमान 55 डिग्री तक रहता है। गर्म पानी का यह कुंड औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से त्वचा संबंधी बीमारियां दूर हो जाती हैं।

तुलसी श्याम कुंड, राजस्थान 
राजस्थान में जूनागढ़ से करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर तुलसी श्याम कुंड स्थित है। यहां पर गर्म पानी के 3 कुंड है जिनमें अलग-अलग तापमान का पानी रहता है। इस कुंड के पास एक साथ 100 साल पुराना रुकमणी देवी का मंदिर भी स्थित है।

तपोवन, उत्तराखंड 
उत्तराखंड में जोशीमठ से 14 किलोमीटर आगे तपोवन एक छोटा सा गांव है। यहां पर सल्फर युक्त गर्म पानी का एक झरना है। गंगोत्री ग्लेशियर से नजदीक होने के कारण तपोवन के गर्म पानी के झरने को पवित्र माना जाता है। गर्म पानी के झरने में आप चावल पका सकते हैं।

वशिष्ठ, हिमाचल प्रदेश  
वशिष्ठ, मनाली के पास एक छोटा सा गांव है जो अपने पवित्र वशिष्ठ मंदिर और गर्म पानी के झरने के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्नान करने की व्यवस्था है। इस जगह का विशेष पौराणिक महत्व है क्योंकि माना जाता है कि वशिष्ठ ने यहां पर गर्म पानी का झरना बनाया था। मान्यताओं के अनुसार इस कुंड के पानी में औषधीय गुण हैं।  

धुनी पानी, मध्यप्रदेश 
मध्यप्रदेश के अमरकंटक में धुनी पानी एक प्राकृतिक गर्म पानी का झरना है। इस गर्म पानी के झरने का उल्लेख पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। यह विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ियों के घने जंगलों में छिपा हुआ है। माना जाता है कि इसके पानी में नहाने से पाप पीड़ाएं दूर होती हैं।