ऐतिहासिक स्थलों से भरपूर बाटी चोखा के जायके से मशहूर पटना, जाने क्यों है खास
बिहार की राजधानी पटना शहर संस्कृति की गंगा जमुनी तहजीब से जाना जाता है। यहाँ शहर के हर गली में कुल्हड़ के चाय की चुस्की के साथ राजनीतिक उबाल की चर्चाएं रोज देखने को मिल जाती हैं। बिहार की राजधानी पटना ऐतिहासिक कलाकृतियों और धरोहरों से सुसज्जित है। सामान्य ज्ञान की जानकारी यहां के छोटे बच्चों को भी मुंह जुबानी याद रहती है। अपने ज्ञान से सभी को मार्गदर्शित करने वाले कालीदास, चाणक्य, आर्यभट्ट, पणिनि और वत्स्यानन की जन्मभूमि व कर्मभूमि भी पटना ही रही है। राजनीति, संस्कृति ज्ञान शीला और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ-साथ पटना जायके के लिए भी जाना जाता है। पटना के मशहूर बाटी चोखा का स्वाद मात्र लेने से जीवन मूर्धन्य हो जाता है। यहां की फिल्मों का भी दुनिया में लगातार विस्तार हो रहा है। आज भोजपुरी फिल्मों के बड़े कलाकार बॉलीवुड समेत कई बड़े फिल्म इंडस्ट्रीज में अभिनय कर रहे हैं।
पटना का इतिहास
पटना की स्थापना 490 ईसा पूर्व मगध के राजा ने की थी। बिहार की राजधानी पटना सोन और गंगा नदी के तट पर स्थित है। पटना को पहले पाटली पुत्र नाम से जाना जाता था। मेगास्थनीज की किताब इंडिया से शहर के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलती है। पाटलीपुत्र नाम के पीछे कई लोककथाएं प्रचलित हैं। लोक कथाओं के अनुसार राजा पत्रक को पटना का जनक कहा जाता है। जादू के इस नगर पटना का निर्माण माना जाता है कि राजा पत्रक ने अपनी रानी पाटलि के लिए करवाया था। इसी कारण से पटना का नाम पाटलिपुत्र पड़ा। पाटली पुत्र के साथ-साथ इसी कारण इसे पाटलीग्राम के नाम से भी जाना जाता था।
संस्कृति में पुत्र का अर्थ बेटा तथा ग्राम का अर्थ गांव होता है। पाटलीग्राम नाम के पीछे एक अन्य कहानी भी प्रचलित है पाटलिग्राम में गुलाब काफी मात्रा में पाया जाता था। गुलाब को पाटलि का फूल के नाम से भी जाना जाता था। गुलाब के फूलों से तरह-तरह के इत्र दवा आदि का व्यापार किया जाता था और यही कारण है कि इसे पाटलीग्राम के नाम से जाना जाता था। माना जाता है कि पाटलि एक पेड़ की प्रजाति है जो सिर्फ पटना में पाई जाती है और इसी पेड के नाम पर इस शहर का नाम पाटलीपुत्र हुआ था।
पटना के पर्यटन स्थल
1. महात्मा गांधी सेतु
पटना में बना ये आकर्षक सेतु दुनिया का सबसे लंबा सेतु है। 5750 मीटर लंबा यह पुल पटना आकर्षण का मुख्य बिंदु है। यह सेतु पटना से हाजीपुर को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बनाया गया है। एक ही नदी पर बना हुआ यह सड़क पुल आवाजाही को सुगम व सरल बनाता है। 1982 में इसका उद्घाटन भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था। इसका निर्माण गैमन इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया था। इस सेतु का निर्माण कार्य 1972 से 1982 तक चला।
2. फनटेसिया वाटर पार्क
बिहार का सबसे पहला वाटर पार्क फनटेसिया जलीय मनोरंजन पार्क है। पटना में स्थित इस पार्क में जल से संबंधित जलीय क्रीडाओं का आनंद लिया जा सकता है। यह एक मनोरंजक वॉटर पार्क है। पार्क का मुख्य आकर्षण यहां पर मौजूद वॉटर स्लाइड और खेल के मैदान है। पार्क का संचालन मुंबई स्थित तक्षशिला सीज एंड स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाता है। इस पार्क को सन 2012 से शुरू किया गया है। पटना घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए यह बेहद ही आकर्षक स्थल है। यहां आने वाले सैलानी इस पार्क का खूब आनंद उठाते हैं।
3. पटना संग्रहालय
बिहार की राजधानी पटना में स्थिति यह संग्रहालय बौद्धिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसका निर्माण अंग्रेजी शासन द्वारा कराया गया था। इस संग्रहालय का निर्माण पटना और आसपास में पाई जाने वाली ऐतिहासिक वस्तुओं को संग्रहित करने के लिए किया गया था। स्थानीय लोग इसे जादू का घर भी कहते हैं। इस संग्रहालय में इतिहास से जुड़ी कई रोचक वस्तुओं और तथ्यों को सजगता से रखा गया है। यह संग्रहालय मुगल राजपूत वास्तु शैली से निर्मित है। पटना संग्रहालय को बिहार की बौद्धिक समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है।
4. गोल घर
पटना का सबसे अच्छा और मनमोहक दृश्य गोल घर है। यहां के प्रमुख आकर्षण स्थानों में से एक गोल घर अनाज के भंडारण के लिए बनाया गया है। 1770 में आए भयंकर सूखे के दौरान लगभग एक करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हो गए थे। उसी दौरान गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग ने गोलघर के निर्माण की योजना बनाई थी। इस आकर्षक स्थल का निर्माण 20 जनवरी 1784 को शुरू हुआ था। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें एक लाख 40 हजार टन अनाज रखा जा सकता है। गोलघर की लोकप्रियता के कारण इससे 2019 मे निर्मित फिल्म इंडियाज मोस्ट वांटेड में दिखाया गया था। इसका आकार 125 मीटर और ऊंचाई 29 मीटर है। इसमें कोई स्तंभ नहीं है और दीवारों का आधर 3.6 मीटर मोटी है। यहाँ से गंगा के मनोहारी दृश्य को निहारा जा सकता है।
5. संजय गांधी बायोलॉजिकल पार्क
बेली रोड पर स्थित यह एक चिड़िया घर है। यहां लगभग 110 प्रजातियों और 800 से अधिक जानवरों का घर है। इस पार्क में बाघ, तेंदुआ, बादल वाले तेंदुए दरियाई घोड़ा, मगरमच्छ हिमालयी काले भालू, सियार, काले हिरन, चित्तीदार हिरन, मोर, पहाड़ी मैना, घड़ियाल, अजगर, चिम्पांजी, जिराफ, जेबरा, एमु और सफेद मोर हैं। जानवरों के अलावा यहां वनस्पति उद्यान भी है। यहां पेड़ों, जड़ी बूटियों और झाड़ियों की 300 से अधिक प्रजातियां है। इस पार्क में एक मछली घर भी शामिल है, यहां एक्वेरियम में मछलियों की लगभग 35 प्रजातियां हैं और सांप के घर में 5 प्रजातियों के 32 सांप हैं।