यहाँ मौजूद है लैला-मजनू का मकबरा, हर साल हजारों प्रेमी यहाँ मांगने आते हैं प्यार की मन्नतें
जब भी सच्चे प्रेम की बात की बात होती है तो लैला-मजनू का नाम जरूर लिया जाता है। लैला-मजनू के अमर प्रेम के किस्से आपने भी जरूर सुने होंगे। कहा जाता है कि लैला-मजनू सिंध से ताल्लुक रखते थे और दोनों एक-दूसरे से सच्चा प्यार करते थे। लेकिन लैला के घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे और दोनों को एक-साथ नहीं देखना चाहते थे इसलिए दोनों घर से भाग गए थे। लेकिन राजस्थान के बिंजौर में दोनों की मौत हो गई थी, जहाँ आज उनकी मजार बनी हुई है। आज के इस लेख में हम आपको लैला-मजनू के मकबरे के बारे में जानकारी देंगे -
राजस्थान के बिंजौर गाँव में है लैला-मजनू का मकबरा
लैला-मजनू का मकबरा राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह मकबरा राजस्थान के श्रीगंगा नगर जिले के अनूपगढ़ से 11 किमी दूर बिंजौर गाँव में स्थित है। यह मकबरा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से दो किमी दूर स्थित है इसलिए दोनों मुल्कों के प्रेमी जोड़े यहाँ मन्नत माँगने आते हैं। यहाँ के स्थानीय लोगों में इस मकबरे को लेकर बहुत आस्था है और इसे सच्चे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि देश के कोने-कोने से प्रेमी जोड़े यहाँ आशीर्वाद लेने आते हैं। यहाँ घूमने आए लोग लैला-मजनू की मजार पर माथा टेकते हैं और अपने प्यार की सलामती की दुआ मांगते है।
मकबरे को प्रचलित हैं कई कहानियाँ
लैला-मजनू के मकबरे को लेकर कई कहानियां लेकर बताई जाती हैं। एक प्रचलित कहानी के मुताबिक प्रेमी लैला और मजनू सिंध से भागकर यहाँ आए थे। कहा जाता है कि लैला के माता-पिता और उसका भाई लैला-मजनू के प्रेम के खिलाफ थे। इसलिए लैला के घरवालों से बचने लिए दोनों यहाँ आए थे। लेकिन रेगिस्तान में पानी ना मिल पाने के कारण दोनों प्यासे ही मर गए। लैला के परिवार को जब इसका पता चला तो उन्होंने दोनों को एक ही जगह दफना दिया था और उनकी याद में मकबरा बनवा दिया। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि लैला का भाई उससे बेहद प्यार कसता था और जब उसे लैला-मजनू के रिश्ते के बारे में पता चला तो उसने मजनू की जान ले ली। कहा जाता है कि मजनू की खबर सुनते ही लैला ने भी मजनू के बगल ही आत्महत्या कर ली थी।
जून के महीने में लगता है मेला
हर साल जून के महीने में लैला-मजनू के मकबरे के पास दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में भारत और पाकिस्तान के कोने-कोने से नवविवाहित और प्रेमी जोड़े शामिल होते हैं। यहाँ पर प्रेमी जोड़े आशीर्वाद लेने आते हैं और जीवन भर साथ रहने की कसमें खाते हैं। इस मेले में यहाँ आए पर्यटकों के लिए लंगर भी आयोजित किया जाता है।