झारखंड की यह अनोखी पहाड़ी बताती है कि महिला के गर्भ में लड़का है या लड़की
भारत सरकार ने गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग जाँच पर प्रतिबंध लगाया है। देश के कानून के मुताबिक यदि कोई ऐसा करता पकड़ा जाए तो परिजनों के साथ-साथ आरोपी डॉक्टर और क्लिनिक को भी जुर्माने के साथ जेल का प्राविधान है। लेकिन झारखंड का एक ऐसा गाँव हैं जहाँ आज भी गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग पता किया जाता है। इस गाँव में गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग जानने के लिए किसी अल्ट्रासाउंड का सहारा नहीं लिया जाता। बल्कि इस गाँव में एक पहाड़ी है जो बताती है कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की। जी हाँ, झारखंड के खुखरा गाँव में महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग जानने की एक अनोखी परंपरा है। आइए जानते हैं इस अनोखी पहाड़ी के पीछे का रहस्य -
400 सालों से चली आ रही है यह परंपरा
यह पहाड़ी झारखंड के लोहरदगा जिले के खुखरा गांव में स्थित है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यह पहाड़ी गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग के बारे में बता देती है और इसके लिए उन्हें पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ते। इस गाँव के लोगों के मन में इस पहाड़ी को लेकर काफी श्रद्धा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह परंपरा करीब 400 साल पुरानी है जो नागवंशी राजाओं के शासन कल से ही चलती आ रही है।
गर्भ में लड़का है लड़की, ऐसे लगता है इस बात का पता
लोगों का कहना है कि इस पहाड़ पर एक बड़े-से चांद की आकृति बनी हुई है। इस पहाड़ी पर पत्थर मार कर गर्भवती महिला पता कर सकती है कि उसके गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की। स्थानीय लोगों के मुताबिक गर्भवती महिला पहाड़ी से एक निश्चित दूरी पर खड़ी होकर इस चांद की आकृति पर पत्थर मारती है। मान्यता है कि अगर पत्थर चाँद की आकृति के ठीक बीच में जाकर लगा तो यह समझा जाता है कि महिला गर्भ में लड़का है। वहीं, अगर पत्थर चाँद के बाहर लगता है तो माना जाता है कि महिला के गर्भ में लड़की है।