हिमालय श्रृंखला के आकर्षण से भरपूर प्रकृति की गोद में स्थित बिनसर, करीब से निहारने एक बार जरूर जाएं
भारत के राज्य उत्तराखंड में स्थित बिनसर अनछुए प्राकृतिक वैभव और शांत परिवेश के लिए प्रसिद्ध है। जीवन के तनाव और शहरी कोलाहल से परेशान शांति की तलाश में पर्यटक अक्सर बिनसर का ही मार्ग चयन करते हैं। प्राकृतिक सुंदरता से अभिभूत यह जगह शांतिमय स्थानों में शुमार है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान बेहद ही खास है। यहां की घाटियां और हिमालय पर्वत श्रृंखला का मनोरम दृश्य किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
खास बात यह है कि यहां आए पर्यटक सुनहरी प्रकृति का ये परिदृश्य देख कर फूले न समाते हैं। सुकुमार कवियों के पंक्तियों में प्रकृति का वर्णन यहां सच दिखाई पड़ता है। बिनसर में भीड़ भाड़ बहुत कम देखने को नजर आती है, क्योंकि कोई मुख्य मार्ग इससे जुड़ा हुआ नहीं है।
यहाँ आये हुए पर्यटक प्रकृति का आँचल ओढ़े हुए उसके गोद में खेलते हैं। चारों तरफ पहाड़ों का आकर्षण, हरे भरे वनों की सुन्दरता, सैलानियों का मन मोह लेते हैं। शहरी दुनिया के चकाचौंध से निकलकर इस शांतिपूर्ण स्थल को सुकून से जीने से मनो जीवन धन्य हो जाता है। आइए जानते हैं यहां खास क्या है?
यहाँ के आकर्षण परिदृश्य
घूमने के सबसे सस्ते स्थानों में से एक बिनसर में देवदार के घने जंगलों के बीच हिमालय पर्वत श्रृंखला, यहां की मनोरम घाटियां, हिमालय के केदारनाथ, चौखम्भा, त्रिशूल, नन्दा देवी, नन्दाकोट, और पंचोली चोटियों की 300 किलोमीटर लंबी श्रृंखला, यहां आए पर्यटकों के आंखों को सुकून प्रदान करती हैं। प्रकृति की सुंदरता के साथ-साथ यहां जानवरों और प्रकृति की गीत गाती पंक्षियों के भी दर्शन हो जाते हैं।
बिनसर वाइल्डलाइफ सेंचुरी
यहां के जंगलों में ज्यादातर ढलान वाले अभ्यारण में तेंदुएं पाए जाते हैं। तेंदुआ के अलावा यहां हिरण और चीतल भी देखने को मिलते हैं। जानवरों के साथ साथ यहां 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी भी पाई जाते हैं। खास बात यह है कि यहां उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाली भी कभी-कभी दिखाई पड़ती है।
जीरो प्वाइंट
यह बिनसर का सबसे मशहूर स्थल है। यहां पर्यटकों का मेला लगा रहता है। जीरो प्वाइंट तक पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यहां पहुंचने के बाद प्राकृतिक नजारा देख पर्यटकों के पाव थमे के थमे रह जाते हैं। पर्यटकों को यहां आने के बाद ऐसी अनुभूति होती है, जैसे कोई चुम्बकीय बल उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रहा हो। यहाँ से प्राचीन केदारनाथ, नंदा देवी, और त्रिशूल की ऊंची और खूबसूरत चोटियों को निहारा जा सकता है। यहां के विस्तृत खूबसूरती को शब्दों में बयां करना मुश्किल पड़ जाता है।
बिनसर महादेव मंदिर
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 13वीं सदी में किया गया था। इसका निर्माण राजा कल्याण द्वारा कराया गया था। मंदिर का आकर्षण यहां की गई कारीगिरी से है। यह मंदिर कला और देवनगरी को प्रदर्शित करती है।
कब और कैसे पहुंचे?
बिनसर की प्राकृतिक सुंदरता का अवलोकन करने किसी भी महीने जाया जा सकता है। यहां पर्यटकों का जमावड़ा अक्टूबर से मार्च के महीने में ज्यादातर देखने को मिलता है। यहां की सैर करने के लिए अक्टूबर से मार्च पर्यटकों का पसंदीदा महीना है।
बिनसर दिल्ली से 390 किलोमीटर दूर है, यहां रेल, हवाई और सड़क तीनों मार्गों से जाया जा सकता है।
हवाई मार्ग
बिनसर से सबसे नजदीक में पंतनगर हवाई अड्डा है। इसकी दूरी बिनसर से मात्र 140 किलोमीटर है।
रेल मार्ग
यहां से सबसे नजदीक काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। जिसकी दूरी बिनसर से 112 किलोमीटर है।
सड़क मार्ग
बिनसर पहुंचने के लिए अल्मोड़ा से लोकल बस और कैब मिल जाती है, जो बेहद ही सुरक्षित और आसान होती है।