ये हैं देश के 7 सबसे बड़े चिड़ियाघर, यहाँ देखने को मिलते हैं देश-विदेश से लाए गए अलग-अलग जानवर
बचपन में आप भी अपने घरवालों के साथ चिड़ियाघर घूमने तो गए ही होंगे। देश में चिड़ियाघरों का निर्माण दुर्लभ पशु-पक्षियों का संरक्षण और उन पर शोध करने के लिए किया गया था लेकिन धीरे-धीरे ये मनोरंजन के केंद्र बन गए हैं। आज के समय में लोग मनोरंजन और मन बहलाव के लिए चिड़ियाघर घूमने जाते हैं। अक्सर बच्चों को पशु-पक्षियों के बारे जानकारी देने के लिए उन्हें स्कूल की तरफ से चिड़ियाघर ले जाया जाता है। चिड़ियाघर में तरह-तरह के पशु-पक्षी और पेड़-पौधे देख कर बच्चों का मनोरंजन तो होता ही है और इसके साथ ही उनका ज्ञान भी बढ़ता है। भारत के कई राज्यों में ऐसे चिड़ियाघर हैं जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। आज के इस लेख में हम आपको भारत के 7 सबसे बड़े चिड़ियाघरों के बारे में बताएंगे -
चेन्नई का चिड़ियाघर
चेन्नई में स्थित अरिनगर अन्ना जुलॉजिकल पार्क भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह देश का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध चिड़ियाघर है और इसे देश का पहला पब्लिक जू भी कहा जाता है। इस चिड़ियाघर को पहले मद्रास जू के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया। यह चिड़ियाघर लगभग 1300 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ 1500 से ज्यादा पशु-पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं। इसके साथ ही इस चिड़ियाघर में पेड़-पौधों की 2553 प्रजातियाँ मौजूद हैं।
दिल्ली का चिड़ियाघर
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित चिड़ियाघर भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1959 में श्रीलंका के डिज़ाइनर मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने किया था। यह चिड़ियाघर दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित है। यह चिड़ियाघर 214 एकड़ में फैला हुआ है, यहाँ जानवरों और पक्षियों की 22000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। इस चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है जहां पर्यटक पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
मैसूर का चिड़ियाघर
कर्नाटक के मैसूर में स्थित चिड़ियाघर दुनिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1892 में शाही संरक्षण में हुआ था। इस चिड़ियाघर में 40 से भी ज्यादा देशों से लाए गए जानवरों को देखा जा सकता है। यहां हाथी, सफेद मोर, दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला के अलावा देश-विदेश की कई प्रजातियां हैं। इसके अलावा यहाँ भारतीय और विदेशी पेड़ों की करीब 85 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। इस चिड़ियाघर में करंजी झील भी है, जहां हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।
हैदराबाद का चिड़ियाघर
आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में स्थित चिड़ियाघर भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर को नेहरू जियोलॉजिकल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यह चिड़ियाघर ना केवल देश बल्कि दुनियाभर में मशहूर है। यह चिड़ियाघर 380 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ एक झील भी है। इस चिड़ियाघर की स्थापना 1963 में हुई थी। इस चिड़ियाघर में हैदराबाद में दुर्लभ प्रजाति के शेर देखने को मिलते हैं। इसके अलावा यहां कई दूसरे देशों से लाए गए पशु -पक्षियों को रखा गया है। इस चिड़ियाघर में पर्यटक खुद के वाहन से भी घूम सकते हैं।
केरल का चिड़ियाघर
दक्षिण भारत में स्थित केरल का त्रिवेंद्रम चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े और लोकप्रिय चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1857 ई में हुआ था और यह देश का दूसरा सबसे पुराना चिड़ियाघर है। तिरुवनंतपुरम के पीएमजी जंक्शन के पास स्थित यह चिड़ियाघर 55 एकड़ में फैला हुआ है। इस चिड़ियाघर में अफ्रीकन मूल के शेर भी मौजूद हैं। इसके अलावा यहाँ मेंड्रिल बंदर व विदेशी पक्षी भी हैं। यहाँ भारतीय और विदेशी पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों का संग्रह है। इस चिड़ियाघर में नीलगिरि लंगूर, भारतीय गैंडा, एशियाई शेर और रॉयल बंगाल टाइगर देखने को मिलते हैं।
असम का चिड़ियाघर
असम के गुवाहाटी में स्थित चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। लगभग 1।75 किलोमीटर में फैले हुए इस चिड़ियाघर की स्थापना 1957 में हुई थी। इस चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई देशी और विदेशी पशु-पक्षी मौजूद हैं। इसके अलावा इस चिड़ियाघर में विलुप्तप्राय और दुनिया के सबसे छोटे जंगली सूअर, पिग्मी हॉग (प्रोक्यूला सालवानिया) का संरक्षण भी किया जा रहा है।
ओडिशा का चिड़ियाघर
ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित नंदनकानन चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक हैं। यह चिड़ियाघर 400 हैक्टेयर में फैला हुआ है, जिसे 1979 में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। यह एक चिड़ियाघर होने के साथ-साथ एक बॉटनिकल गार्डन भी है। इस चिड़ियाघर में जानवरों की करीब 126 प्रजातियाँ मौजूद हैं। इसके अलावा यहां कई तरह के जंगली जानवरों और दुर्लभ पेड़-पौधों को देखे जा सकते हैं।