मिनी इजरायल के नाम से मशहूर हिमाचल प्रदेश का यह गांव, एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए बेहद खास है
खूबसूरत वादियों को निहारने का अलग ही आनंद होता है। भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं जिनकी ख़ूबसूरती दिल को छू जाता है। एक ऐसा ही गाँव है हिमाचल प्रदेश का कसोल है, जो स्वयं में कई खूबसूरत वादियों को समेटे हुए है।
यह गांव हिमांचल प्रदेश के प्रसिद्ध जगहों में से एक है। इस खूबसूरत और बेहतरीन खासियत वाले गांव में विदेशी पर्यटकों का भी जमावड़ा लगता है। यह एक बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस है, जहां जीवन के हर पहलुओं को प्रकृति के गोद में जिया जा सकता है।
कहने को तो यह छोटा सा गाँव है परंतु यहां की खूबी और खासियत किसी बड़े शहरों से कम नहीं है। यहां की खूबसूरती को निहारने में कोई अड़चन नहीं आती है। कम बजट में अच्छे शहर के आनंद का लुफ्त उठाना हर व्यक्ति की ख्वाहिश होती है। ऐसे खूबसूरत गांव उन हर व्यक्तियों की ख्वाहिश पर खरा उतरते हैं और उनके आनंद को दोगुना कर देते हैं। आइए जानते हैं इस गांव की खूबसूरती और खासियत के बारे में।
कसोल गांव का परिचय
कसोल गांव में अपने आप में किसी बड़े पर्यटक स्थल से कम नहीं है।यहा हर उस चीजों का आनंद उठाया जा सकता है जिसका दीदार करना लोगों की ख्वाहिश होती है। पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ यह बेहद सुन्दर गांव है। गांव के इतिहास की बात करें तो प्राचीन समय में यहां सिर्फ एक बस स्टॉप हुआ करता था। समय बीतने के साथ साथ लोगों ने यहां बसना प्रारंभ कर दिया। धीरे धीरे यहाँ एडवेंचर के शौकीन पर्यटकों का जमावड़ा लगने लगा।
2014 से इस गांव में पर्यटकों का आगमन प्रारम्भ हो गया था। अन्य पर्यटक स्थलों से यह जगह थोड़ा भिन्न है, यहां फैमिली के साथ या हनीमून कपल्स कम देखने को मिलते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों में सबसे अधिक संख्या इजराइल के पर्यटकों का है, यही कारण है कि यहां के खान पीन में इजरायल टच मिलता है। स्थानीय खानों के साथ साथ होटलों में भी इजरायल खान-पान की बहुलता है। इस बेहद सुन्दर गांव को कई टूरिस्ट ब्लॉग में मिनी इजरायल भी कहा जाता है।
कसोल गांव का आकर्षण
भारत का राज्य हिमाचल प्रदेश पर्यटक स्थलों से परिपूर्ण है। यहां पर्यटकों को आनंद उठाने के लिए कई पर्यटकीय स्थान उपलब्ध है। परंतु पर्यटक स्थलों में अधिक भीड़ होने के कारण वहां हर चीज के आनंद प्राप्त कर पाना संभव नहीं होता है।
इस गांव में अधिक भीड़ नहीं होती है, यहां आने वाले पर्यटक मन की शांति के साथ साथ प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकते हैं।भीड़ भाड़ कम होने के कारण पर्यटकों के द्वारा इस जगहों का चयन किया जाता है। एडवेंचर के शौकीन पर्यटकों के लिए यह बेहतरीन स्थान है, यहीं से पार्वती वैली की शुरुआत भी होती है। युवाओं को घूमने के लिए यह जगह परफेक्ट है।
गांव की बेहतरीन खासियत
क्षेत्रफल के माध्यम से यह गाँव बहुत छोटा है, यही कारण है कि गांव में घूमने में ज्यादा समय व्यतीत नहीं होता है। आप किसी अन्य स्थान पर घूमने जाना चाहते हो तो इस स्थान का भ्रमण करने के बाद जा सकते हैं। यह स्थान सुविधाओं से परिपक्व है। यह किसी भी तरह की असुविधा नहीं होती है।
पहाड़ों की वादियों में अक्सर इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की परेशानी रहती है। क्या इंटरनेट और नेटवर्क के परेशानी की कोई चिंता नहीं है, यहां फुल स्पीड इंटरनेट के साथ साथ नेटवर्क भी फुल रहता है। पर्यटकों के लिए यह एक ऐसा खूबसूरत हिल स्टेशन, जहां बिना नेटवर्क प्रॉब्लम के कसोल गांव के हर खूबसूरती को दिल से महसूस और आंखों से देखा जा सकता है।
कैसे पहुंचें कसोल
हवाई मार्ग से इस गांव में जाने के लिए यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर है।यह एयरपोर्ट 31 किलोमीटर दूर है।यह हवाई अड्डा कुल्लू में पड़ता है।
रेलवे के माध्यम से यहाँ आने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिन्दर नगर रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन कासोल गांव से 150 किलोमीटर दूर है। यहां से बस या कैब के जरिए कसोल पहुंचा जा सकता है वहा पहुंचने में चार से पांच घंटे का वक्त लगता है।
सड़क मार्ग के जरिये कसोल जाने के लिए NH3 का इस्तेमाल किया जाता है।यह मनाली और दिल्ली दोनों रास्ते से आया जा सकता है। मनाली के रास्ते आने वाले पर्यटकों के लिए यह रोचक यात्रा हो जाती है।