हवा महल की खूबसूरती से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं पर्यटक, जानिए इस इमारत की कुछ दिलचस्प बातें
भारतीय राज्य राजस्थान पनी रंग-बिरंगी संस्कृति और इतिहास के लिए फेमस है। यहां के कई किले और महल आकर्षण का केंद्र है। यहां पर घूमने आने वाले पर्यटक इन महलों की खूबसूरती को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित हवा महल सबसे अलग और खास है। आपको बता दें कि गुलाबी और बलुआ रंग के पत्थरों से बने इस महल की अलग ही शान है। इसी महल के कारण जयपुर को पिंक सिटी कहा जाता है। हवा महल का निर्माण राजस्थानी और मुगल शैली में किया गया है। हालांकि हवा महल से जुड़ी सभी बातों को लोग जानते हैं। लेकिन आज हम आपको हवा महल के कई ऐसे फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको शायद ही पता हों। आइए जानते हैं हवा महल से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
बिना नींव के बना है ये महल
जयपुर का हवा महल सिटी पैलेस का हिस्सा था। इसलिए इसका कोई बाहर से एंट्रेंस गेट नहीं बनाया गया था। सिटी पैलेस की ओर से एक शाही दरवाजा हवा महल के प्रवेश द्वार की ओर जाता है। वहीं से आपको एंट्री लेनी होती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि यह महल बगैर नींव के बना है। जिसके कारण यह वजन से घुमावदार और 87 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है।
पैलेस ऑफ विंड्स
हवा महल को पैलेस ऑफ विंड्स के नाम से भी जाना जाता है। इस महल में बनीं 953 खिड़कियां इसे दूसरे महलों से अलग बनाती हैं। इन खिड़कियों को इसलिए बनाया गया था। ताकि हवा महल के अंदर आ सके और यहां गर्मी का एहसास भी न हो।
महिलाओं के लिए बनाया गया
आपको बता दें कि हवा महल को खासतौर पर राजपूत सदस्यों और खासकर महिलाओं के लिए बनवाया गया था। उस दौरान महिलाए खुलेआम किसी भी आयोजन में नहीं शामिल होती थीं। इसलिए इस महल की खिड़कियों पर खड़े होकर वह नीचे आयोजित हो रहे कार्यक्रम को देखती थीं।
महल में नहीं बनीं हैं सीढ़ियां
भले ही यह महल पांच बना है, लेकिन इस महल में आपको सीढ़ियां नहीं मिलेंगी। हर मंजिल पर आपको रैंप करके जाना होगा। बता दें कि हवा महल को रहने के उद्देश्य से नहीं बनाया गया था। कुछ विशेष मौकों पर राजसी महिलाएं अपनी दासियों के साथ सिटी पैलेस से यहां आया करती थीं।
महल में बने हैं 3 मंदिर
अधिकतर लोग शायद इस बात से अंजान होंगे कि इस भव्य महल के अंदर तीन मंदिर बने हुए हैं। जिन्हें गोवर्धन मंदिर, प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है। हालांकि पहले लोग गोवर्धन कृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण के दर्शन करते थे। लेकिन उब उन्हें बंद कर दिया गया है।
मंदिर के नाम पर रखा महल का नाम
आपको जानकार हैरानी होगी कि हवा मंदिर नाम के एक मंदिर के नाम पर इस महल का नाम रखा गया था। आज भी यह मंदिर हवा महल के अंदर है। इसलिए इस महल का नाम हवा महल रखा गया। बता दें कि हवा महल खूबसूरत वास्तुकला का नमूना है।