क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए जा सकते है देश के इन 5 खूबसूरत चर्चों में

देशभर में क्रिसमस पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन ईसा मसीह के जन्म हुआ था। क्रिसमस के मौके पर चारों तरफ खुशी माहौल होता है और लोग एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं। इस दिन चर्चों की रौनक देखने लायक होती है। क्रिसमस के दो-चार दिन पहले से ही चर्चों और घरों को सजाया जाता है। अगर आप भी क्रिसमस सेलिब्रेट करने के लिए बाहर निकल रहे हैं तो आज हम आपको देश के कुछ बेहतरीन चर्चों के बारे में बताने जा रहे हैं -

क्राइस्ट चर्च, शिमला 
अगर आप क्रिसमस के मौके पर शिमला में हैं तो माल रोड पर स्थित क्राइस्ट चर्च जाना ना भूलें। यह नॉर्थ इंडिया का दूसरा सबसे पुराना चर्च है और इसका निर्माण 1857 में हुआ था।

सेंट फिलोमेना कैथेड्रल, मैसूर
मैसूर में स्थित इस चर्च को सेंट जोसेफ और सेंट फिलोमेना का कैथेड्रल कहा जाता है। इसका निर्माण 1936 में किया गया था और यह जर्मनी के कोलोन कैथेड्रल की वास्तुकला से प्रेरित हैं। इसके साथ ही यह एशिया के सबसे ऊंचे चर्चों में से एक है। क्रिसमस के दौरान, आप यहाँ की सजावट और सेवा देखकर  मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।

सेंट पॉल्स कैथेड्रल, कोलकाता 
कोलकाता में स्थित इस चर्च की एक असाधारण गॉथिक संरचना है। क्रिसमस के मौके पर हज़ारों लोग इस चर्च में मिडनाइट मास सर्विस के लिए आते हैं। सेंट पॉल कैथेड्रल का निर्माण 1847 में हुआ था और यह प्रसिद्ध विक्टोरिया मेमोरियल के करीब स्थित है। 

सेंट थॉमस चर्च, पलायूर
इस चर्च के बारे में कहा जाता है कि इसकी स्थापना 52 ईस्वी में सेंट थॉमस ने की थी। केरल के त्रिशूर जिले में स्थित इस चर्च का 17वीं शताब्दी में नवीनीकरण किया गया था। यह छह अन्य चर्चों का हिस्सा है जिन्हें सेंट थॉमस द्वारा स्थापित किया गया था। क्रिसमस के मौके पर सैंकड़ों सैलानी यहाँ घूमने आते हैं। 

बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस, गोवा 
गोवा में स्थित यह चर्च भारत के सबसे फेमस चर्चों में से एक है। यह चर्च यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और इसमें सेंट फ्रांसिस जेवियर के नश्वर अवशेष हैं। बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस, भारत में बारोक वास्तुकला का एक उदाहरण है। यह 1605 में बनकर तैयार हुआ था और इसके मकबरे को 17वीं शताब्दी में फ्लोरेंटाइन के मूर्तिकार जियोवानी बतिस्ता फोगिनी द्वारा डिजाइन किया गया था।